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होली

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मेरा देश हुआ सतरंगी मेरा देश हुआ अतरंगी सात रंग उड़ते दिखे हैं कहीं दिखें हैं संगी | मेरा देश हुआ..... रंग बिरंगे मुख दिखे मन में कुछ अरमान सजे हैं सस्ते से त्योहार में बस खुशी दिखे और रंगी| मेरा देश हुआ..... जात-पात का भेद मिटे है अब तो रंग भेद भी मिटे है न कोई बनिया, न कोई पंडित न पता चले अब भंगी| मेरा देश हुआ..... पकवानो की सेज सजी है हुरयारो की हुडदंगी मची है देवर आगे भाभी चली जीजा आगे साली रंगी| मेरा देश हुआ..... (अनु)