होली

Happy holi by Mansi keshri

मेरा देश हुआ सतरंगी
मेरा देश हुआ अतरंगी
सात रंग उड़ते दिखे हैं
कहीं दिखें हैं संगी |

मेरा देश हुआ.....

रंग बिरंगे मुख दिखे
मन में कुछ अरमान सजे हैं
सस्ते से त्योहार में
बस खुशी दिखे और रंगी|

मेरा देश हुआ.....

जात-पात का भेद मिटे है
अब तो रंग भेद भी मिटे है
न कोई बनिया, न कोई पंडित
न पता चले अब भंगी|

मेरा देश हुआ.....

पकवानो की सेज सजी है
हुरयारो की हुडदंगी मची है
देवर आगे भाभी चली
जीजा आगे साली रंगी|

मेरा देश हुआ.....

(अनु)

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

My Daily Routine