संदेश

मार्च, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कुछ पल संग बिताओ

 कुछ पल संग  बिताओ कुछ पल संग गुनगुनाओ कुछ हसीं सपने सवारों मेरे संग तो ना...... मैं इतना बुरा भी नहीं हूँ जितना तुमने सोचा है एक पल संग बैठो तुम सुन रहे हो ना.... थोड़ा सा फिल्मी हूँ नहीं मैं जुल्मी हूँ फिकर करता हूँ तुम्हारी तुम सुन रहे हो न चलो चलो एक पल संग, मेरे बिता लो ऐसे नखरे दिखाओं ना...... चलो एक कप चाय पीते हैं कुछ पल संग मेरे बिताओ कुछ पल संग गुनगुनाओ कुछ हसीं सपने सवारों मेरे संग तो ना......

हमसे भी तुम बातें करो

चित्र
  यूँ खामोश न बैठो, यूँ दूर न बैठो थोड़ा हमसे भी तुम बातें करो किसी cafe मे बैठ संग हमारे थोड़ी पी लो लेकिन थोड़ी सी बातें करो न चुप तुम रहो न हम बोलेंगे लेकिन तुम हमसे थोड़ी सी बातें करो सुनना बहुत कुछ चाहते हैं हम और थोड़ा कहना भी है एक पल तो बैठो और बाते करों  माना खुद्दार हो चीज़ें कम बाटते हो परेशानी अपनी कह कर तो देखो थोड़ी हमसे भी बातें करो

कहीं मै आपसे प्यार तो नहीं करता हूँ।

चित्र
 आदत से मजबूर हूँ, कुछ ज्यादा सोचता हूँ। आपको खोने से मैं, जाने क्यों डरता हूँ। सामने नहीं आपके, पीछे आपकी बाते करता हूँ। कभी-कभी वहम मे होता हूँ, कहीं मै आपसे प्यार तो नहीं करता हूँ। माना मै बात नहीं कुछ ख़ास करता हूँ। खुद को हल्का करने के लिए, थोड़ा रो भी लेता हूँ। आपकी हर जरूरत का ख्याल रखता हूँ। कहीं मै आपसे प्यार तो नहीं करता हूँ। मुंहफट हूँ ज्यादा बोलता हूँ। हर बात मैं आपसे कह देता हूँ। हर पल आपको जपता हूँ, कहीं मै आपसे प्यार तो नहीं करता हूँ। मेरी चोर नजरें आपको देखती हैं मुड़-मुड़ आपको तकती हैं आप जो ना दिखो तो मचल जाता हूँ कहीं मै आपसे प्यार तो नहीं करता हूँ। हाल ए दिल बताने की बात करता हूँ, लेकिन बस वहीँ आकर मौन हो जाता हूँ। आपको खोने से मै डर जाता हूँ, कहीं मै आपसे प्यार तो नहीं करता हूँ।

मै विचित्र हूँ।

चित्र
  कुछ खुद मे ही रह गया, या तुझमें खो गया हूँ। ना पूछ मुझसे मै क्या हो गया हूँ एक तूफान डोल रहा है अंदर, और बाहर शांति है। लोग कहते ये सब तेरी भ्रान्ति है। कुछ कहता हूँ और कुछ हो जाता हूँ। मैं खुद मे रह कर तुझमे खो जाता हूँ। अस्तित्व हूँ या भ्रमित हूँ या फिर कोई चलचित्र हूँ सोच के सागर मे डूबा हुआ, मै विचित्र हूँ।