मै विचित्र हूँ।
कुछ खुद मे ही रह गया, या तुझमें खो गया हूँ।
ना पूछ मुझसे मै क्या हो गया हूँ
एक तूफान डोल रहा है अंदर, और बाहर शांति है।
लोग कहते ये सब तेरी भ्रान्ति है।
कुछ कहता हूँ और कुछ हो जाता हूँ।
मैं खुद मे रह कर तुझमे खो जाता हूँ।
अस्तित्व हूँ या भ्रमित हूँ या फिर कोई चलचित्र हूँ
सोच के सागर मे डूबा हुआ,
मै विचित्र हूँ।
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