चलों ना एक कप बातें करतें हैं।




चलो किसी चाय की टपरी पर बैठ,

हम तुम मुलाकातें करतें हैं।

कुछ तुम्हारी कहतें हैं,

कुछ अपनी सुनतें हैं।

चलों ना एक कप बातें करतें हैं।

क्यों यूँ बगल में बैठ

बीस गज दूर हो गए हो।

अरे बूढ़ा गए हो क्या

जो मजबूर हो गए हो

चलों किसी और की तुम्हे ही याद करतें हैं

चलों ना एक कप बातें करतें हैं।

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